सरकार ने लॉन्च किया Arogya Setu App, कोरोना वायरस के खतरे की ऐसे मिलेगी जानकारी
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सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण के जोखिम का आंकलन करने वाला आरोग्य सेतु ऐप लॉन्च किया है। नेशनल इंफोममेटिक्स सेंटर की महानिदेशक नीता वर्मा ने गुरूवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह ऐप कोविड-19 संक्रमण के प्रसार के जोखिम का आकलन करने और आवश्यक होने पर एकांतवास सुनिश्चित करने के लिए सरकार के समय पर कदम उठाने में मदद करेगा। यह 11 भाषाओं में उपलब्ध है और राष्ट्रीय स्तर पर पहले दिन से उपयोग के लिए तैयार है और इसका डिजाइन ऐसा है जो अधिक लोड ले सकता है।
उन्होेने बताया कि ऐप का डिज़ाइन सबसे पहले गोपनीयता सुनिश्चित करता है। ऐप द्वारा एकत्र किए गए व्यक्तिगत डेटा को अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके ए्क्रिरप्ट किया गया है और डेटा चिकित्सा सम्बन्धी सुविधा की आवश्यकता पड़ने तक फोन पर सुरक्षित रहता है।
कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए लोगों को एकजुट करने के उद्देश्य से सार्वजनिक-निजी साझेदारी से विकसित 'आरोग्यसेतु' नाम का यह ऐप प्रत्येक भारतीय के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए डिजिटल इंडिया से जुड़ा है। यह लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण पकड़ने के जोखिम का आकलन करने में सक्षम करेगा। यह अत्याधुनिक ब्लूटूथ टेक्नोलॉजी, तकनीक, गणित के सवालों को हल करने के नियमों की प्रणाली (अलगोरिथ्म) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करते हुए, दूसरों के साथ उनकी बातचीत के आधार पर इसकी गणना करेगा। यह एक ही समय में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों, डिजिटल प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवाएं देने और युवा भारत की क्षमता और देश के रोग मुक्त और स्वस्थ भविष्य के बीच एक सम्पर्क है।
ब्लूटूथ और जीपीएस का करेगा इस्तेमाल
आरोग्य सेतु ऐप आपको यह बताने के लिए आप जोखिम में हैं, ब्लूटूथ और जीपीएस का इस्तेमाल करता है. जहां जीपीएस रियल टाइम में व्यक्ति की लोकेशन को ट्रैक करता है, ब्लूटूथ जब व्यक्ति नोवल कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के नजदीक आने पर ट्रैक करेगा. यह 6 फीट तक की दूरी पर आने पर ट्रैक करता है. आरोग्य सेतु का भारत सरकार के सामने आए हुए मामलों का डेटा बेस का एक्सेस रहेगा.
कोरोना कवच की तरह इसमें भी यूजर्स को फोन नंबर के जरिए रजिस्टर करना होगा. ऐप रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड (OTP) भेजेगा. आप अपना नाम, उम्र, आदि की जानकारी दे सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह वैकल्पिक है. कोरोना कवच से अलग आरोग्य सेतु आपके आसपास के क्षेत्र को तब तक ट्रैक करता रहगा, जब तक आपने लोकेशन एक्शन ट्रैकिंग को अपने फोन की सेटिंग्स में ‘always’ पर सेट कर रखा है. इसके अलावा आपको ब्लूटूथ भी ऑन रखना होगा. कोरोना कवच में ट्रैकिंग के लिए एक घंटे का समय लगता है, इसमें ऐसा नहीं है.
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