लॉकडाउन / रायपुर में दवाई, दूध व पेट्रोल के अलावा बाकी दुकानें आज भी बंद, हर चौराहे पर सख्ती से हो रही पूछताछ
रायपुर. राजधानी में लगातार लोगों के बाहर निकलने की वजह से शनिवार शाम 4 बजे से लागू किए गए अघोषित कर्फ्यू की वजह से पुलिस रविवार को सुबह से ऐसी सख्त हुई कि पूरे शहर में सन्नाटा पसर गया। पुलिस की जगह-जगह जांच और दुकानें बंद होने से अधिकांश लोग घरों से नहीं निकले। सुबह निकलनेवालों से पुलिस ने जगह-जगह इतनी सख्ती से पूछताछ की, उन्हें लौटाया या उठक-बैठक करवाई, तो दोपहर 12 बजे के बाद कोई घर से निकला ही नहीं। ट्रैफिक सिग्नल दिनभर बंद रहे और चौक-चौराहों पर पुलिस अाक्रामक रही। प्रशासन-पुलिस अफसरों ने साफ किया कि सोमवार को भी दवाई, दूध और पेट्रोल पंप को छोड़कर कोई दुकान नहीं खुलेगी और इतनी ही सख्ती की जाएगी।
प्रशासन के आदेश के बाद रविवार को शहर में केवल दूध, दवा और पेट्रोल पंप ही खुले। पेट्रोल पंपों में भी इक्का-दुक्का लोग ही पहुंचे, वह भी इमरजेंसी में। अफसरों ने बताया कि यह व्यवस्था सोमवार को जारी रहेगी। इसके बाद भी लोगों ने निकलना और जगह-जगह झुंड लगाकर तमाशबीन की तरह खड़े रहना नहीं छोड़ा तो सख्ती और बढ़ा दी जाएगी। प्रशासन ने तय कर लिया है कि लोग घरों में नहीं रहे, तो दूसरे जिलों की तरह सब्जी और किराना का सामान खरीदने के लिए केवल कुछ घंटों का समय दिया जाएगा। इस तय समय के बाद बाहर घूमने वालों से सख्ती के साथ निपटा जाएगा।
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सब्जी वाले बाजारों में भी पहुंचे
रविवार को बंद की सूचना रात में जारी होने की वजह से शहर के कुछ सब्जी बाजारों में खासतौर पर आउटडोर स्टेडियम के बाहर कुछ सब्जी बेचने वाले पहुंच गए। पुलिस ने उन्हें बताया कि अभी दो दिनों तक बाजार नहीं लगेगा। जानकारी नहीं होने के अभाव में पुलिस ने उन पर सख्ती नहीं की और समझाइश देकर वापस लौटा दिया। शहर के सभी सब्जी बाजारों में सुबह से ही पुलिस को तैनात कर दिया गया था। इस वजह से वहां किसी की भी दुकान नहीं लग पाई।
रविवार को बंद की सूचना रात में जारी होने की वजह से शहर के कुछ सब्जी बाजारों में खासतौर पर आउटडोर स्टेडियम के बाहर कुछ सब्जी बेचने वाले पहुंच गए। पुलिस ने उन्हें बताया कि अभी दो दिनों तक बाजार नहीं लगेगा। जानकारी नहीं होने के अभाव में पुलिस ने उन पर सख्ती नहीं की और समझाइश देकर वापस लौटा दिया। शहर के सभी सब्जी बाजारों में सुबह से ही पुलिस को तैनात कर दिया गया था। इस वजह से वहां किसी की भी दुकान नहीं लग पाई।
सुबह से रात तक सिर्फ सायरन
शहर के वार्डों और मोहल्लों की किराना दुकानें न खुलें, इसलिए पुलिस की गाड़ियां सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक गलियों में मंडराती रहीं। संबंधित थानों की गाड़ियां सायरन बजाते हुए गलियों और मुख्य रास्तों से निकली। पुलिस ने सभी जगह पर प्रमुखता के साथ इस बात की जांच की कि कहीं भी ठेलों या गुमटियों में भी सब्जी, किराना या फल न बिके। कुछ मोहल्लों में युवक दिखाई दिए तो उन्हें दौड़ाकर लाठियां मारी गईं। पुलिस की सख्ती की जानकारी पहले से थी, इसलिए ज्यादातर लोग निकले भी नहीं।
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हर गाड़ी को रोककर पूछताछ
शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस की टीम तैनात रही। किसी भी रास्ते से कोई गाड़ी निकलती तो उसे जरूर रोका जाता, गाड़ी में बैठे लोगों को बिना पूछताछ के आगे जाने नहीं दिया गया। जिन गाड़ियों में बिना किसी काम के लोग मिले उन्हें जमकर फटकार लगाते हुए वापस घर भेजा गया। शहर में कुछ जगहों पर लोग साइकिल और मोटरसाइकिल पर भी दिखाई दिए। पुलिस ने इन पर लाठियां भी बरसाई। एक-दो डंडे लगाने के बाद ही उन्हें वापस किया गया।
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