जनता के लिए प्रधानमंत्री मोदी का पत्र, 1 साल की उपलब्धियों का बयान, साथ ही देश के नाम संदेश .. जानिए क्या कहा पीएम मोदी ने
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे वर्ष के पहले वर्ष को पूरा करने के लिए जनता को एक पत्र लिखा है। पत्र में, उन्होंने पिछले 1 वर्ष की सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने एक साल में लिए गए फैसले को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि करोना देश में कहर ढा रहा है, इसलिए मुझे अपनी बात कहने के लिए इस पत्र का सहारा लेना होगा।
आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा। मैं इस पत्र के द्वारा आपके चरणों में प्रणाम करने और आपका आशीर्वाद लेने आया हूं....https://t.co/ZuHWB55AbN pic.twitter.com/v3GZvtFdj9
— Narendra Modi (@narendramodi) May 30, 2020
पढ़े क्या कहा प्रधान मंत्री ने अपने पत्र में
मेरे प्रिय स्नेहीजन,
आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया
स्वर्णिम अध्याय जुड़ा। देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार
दूसरी बार जनता ने जिम्मेदारी सौंपी थी। इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी
भूमिका रही है। ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए अवसर है आपको नमन करने का, भारत और
भारतीय लोकतंत्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने का।
यदि सामान्य स्थिति होती तो मुझे आपके बीच आकर आपके दर्शन का
सौभाग्य मिलता। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जो परिस्थितियां बनी हैं,
उन परिस्थितियों में मैं इस पत्र के द्वारा आपके चरणों में प्रणाम करने और आपका
आशीर्वाद लेने आया हूं।
बीते वर्ष में आपके स्नेह, शुभाशीष और आपके सक्रिय सहयोग ने
मुझे निरंतर एक नई ऊर्जा, नई प्रेरणा दी है। इस दौरान आपने लोकतंत्र की जिस
सामूहिक शक्ति के दर्शन कराए, वह आज पूरे विश्व के लिए एक मिसाल बन चुकी है।
वर्ष 2014 में आपने, देश की जनता ने देश में एक बड़े परिवर्तन
के लिए वोट किया था, देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था। उन पांच
वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए
देखा है। उन पांच वर्षों में देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान
बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है।
उस कार्यकाल में जहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, एयर स्ट्राइक हुई,
वहीं हमने वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स- GST, किसानों की MSP की बरसों
पुरानी मांगों को भी पूरा करने का काम किया।
पिछला कार्यकाल देश की अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए
समर्पित रहा।
वर्ष 2019 में आपका आशीर्वाद, देश की जनता का आशीर्वाद, देश के
बड़े सपनों के लिए था, आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए था। और इस एक साल में लिए
गए फैसले इन्हीं बड़े सपनों की उड़ान हैं।
आज जन-जन से जुड़ी जन मन की जनशक्ति, राष्ट्रशक्ति की चेतना को
प्रज्वलित कर रही है। गत एक वर्ष में देश ने सतत नए स्वप्न देखे, नए संकल्प लिए और
इन संकल्पों को सिद्ध करने के लिए निरंतर निर्णय लेकर कदम भी बढ़ाए।
भारत की इस ऐतिहासिक यात्रा में देश के हर समाज, हर वर्ग और हर
व्यक्ति ने बखूबी अपना दायित्व निभाया है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’,
इस मंत्र को लेकर आज देश सामाजिक हो या आर्थिक, वैश्विक हो या आंतरिक, हर दिशा में
आगे बढ़ रहा है।
प्रिय स्नेहीजन,
बीते एक वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ज्यादा चर्चा में रहे
और इस वजह से इन उपलब्धियों का स्मृति में रहना भी बहुत स्वाभाविक है।
राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए आर्टिकल 370 की बात हो, सदियों
पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम - राम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज
व्यवस्था में रुकावट बना तीन तलाक हो या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता
संशोधन कानून हो, ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं।
एक के बाद एक हुए इन ऐतिहासिक निर्णयों के बीच अनेक फैसले,
अनेक बदलाव ऐसे भी हैं, जिन्होंने भारत की विकास यात्रा को नई गति दी है, नए
लक्ष्य दिए हैं, लोगों की अपेक्षाओं को पूरा किया है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय
को बढ़ाया है, वहीं मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
इस दौरान गरीबों को, किसानों को, महिलाओं-युवाओं को सशक्त करना
हमारी प्राथमिकता रही है।
अब पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे में देश का प्रत्येक किसान
आ चुका है। बीते एक वर्ष में इस योजना के तहत 9 करोड़ 50 लाख से ज्यादा किसानों के
खातों में 72 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि जमा कराई गई है।
देश के 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में पीने का शुद्ध पानी
पाइप से मिले, इसके लिए जल जीवन मिशन शुरू किया गया है।
हमारे 50 करोड़ से अधिक पशुधन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मुफ्त
टीकाकरण का बहुत बड़ा अभियान भी चलाया जा रहा है।
देश के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ है, जब किसान, खेत
मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक साथियों, सभी के लिए 60 वर्ष
की आयु के बाद 3 हजार रुपये की नियमित मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है।
आदिवासी बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए देश में 450
से ज्यादा नए एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूलों के निर्माण का अभियान भी शुरू किया
गया है।
सामान्य जन के हित से जुड़े बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी
बीते वर्ष में तेज गति से कार्य हुआ है। हमारी संसद ने अपने कामकाज से दशकों
पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
इसी का परिणाम है कि चाहे कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट हो, चिटफंड
कानून में संशोधन हो, दिव्यांगों, महिलाओं और बच्चों को अधिक सुरक्षा देने वाले
कानून हों, ये सब तेजी से बन पाए हैं।
सरकार की नीतियों और निर्णयों की वजह से शहरों और गांवों के
बीच की खाई कम हो रही है। पहली बार ऐसा हुआ है, जब गांव में इंटरनेट का इस्तेमाल
करने वालों की संख्या, शहर में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों से 10 प्रतिशत ज्यादा
हो गई है।
देशहित में किए गए इस तरह के ऐतिहासिक कार्यों और निर्णयों की
सूची बहुत लंबी है। इस पत्र में सब कुछ विस्तार से बता पाना संभव नहीं। लेकिन मैं
इतना अवश्य कहूंगा कि एक साल के कार्यकाल के प्रत्येक दिन चौबीसों घंटे पूरी सजगता
से काम हुआ है, संवेदनशीलता से काम हुआ है, निर्णय लिए गए हैं।
देशवासियों की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति करते हुए हम तेज गति
से आगे बढ़ ही रहे थे कि वैश्विक महामारी कोरोना ने भारत को भी घेर लिया।
एक ओर जहां अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं और विशाल अर्थव्यवस्था
वाली विश्व की बड़ी-बड़ी महाशक्तियां हैं, वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी आबादी और अनेक
चुनौतियों से घिरा हमारा भारत है।
कई लोगों ने आशंका जताई थी कि जब कोरोना भारत पर हमला करेगा तो
भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बनजाएगा।
लेकिन आज सभी देशवासियों ने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख
दिया है। आपने यह सिद्ध करके दिखाया है कि विश्व के सामर्थ्यवान और संपन्न देशों
की तुलना में भी भारतवासियों का सामूहिक सामर्थ्य और क्षमता अभूतपूर्व है।
ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा
कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों
का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने यह दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत
की गारंटी है।
निश्चित तौर पर, इतने बड़े संकट में कोई यह दावा नहीं कर सकता
कि किसी को कोई तकलीफ और असुविधा न हुई हो। हमारे श्रमिक साथी, प्रवासी मजदूर
भाई-बहन, छोटे-छोटे उद्योगों में काम करने वाले कारीगर, पटरी पर सामान बेचने वाले,
रेहड़ी-ठेला लगाने वाले, हमारे दुकानदार भाई-बहन और लघु उद्यमी, ऐसे साथियों ने
असीमित कष्ट सहा है। इनकी परेशानियां दूर करने के लिए सभी मिलकर प्रयास कर रहे
हैं।
लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना है कि जीवन में हो रही असुविधा
जीवन पर आफत में न बदल जाए। ऐसे में, प्रत्येक भारतीय के लिए हर दिशा-निर्देश का
पालन करना बहुत आवश्यक है। जैसे अभी तक हमने धैर्य और जीवटता को बनाए रखा है, वैसे
ही उसे आगे भी बनाए रखना है। यह एक बड़ा कारण है कि भारत आज अन्य देशों की तुलना
में ज्यादा संभली हुई स्थिति में है। यह लड़ाई लंबी है, लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े
हैं और विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है।
अभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए अम्फान चक्रवात के दौरान जिस
हौसले के साथ वहां के लोगों ने स्थितियों का मुकाबला किया, चक्रवात से होने वाले
नुकसान को कम किया, वह भी हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
प्रिय स्नेहीजन,
इन परिस्थितियों में आज यह चर्चा भी बहुत व्यापक है कि भारत
समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी? लेकिन दूसरी ओर यह विश्वास भी है
कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित
किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे। 130 करोड़
भारतीय अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं, बल्कि प्रेरित
भी कर सकते हैं।
आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा।
अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है - आत्मनिर्भर भारत।
अभी हाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख
करोड़ रुपये का पैकेज इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।
यह अभियान हर देशवासी के लिए, हमारे किसान, हमारे श्रमिक,
हमारे लघु उद्यमी, हमारे स्टार्ट-अप्स से जुड़े नौजवान, सभी के लिए, नए अवसरों का
दौर लेकर आएगा।
भारतीयों के पसीने से, परिश्रम से और उनकी प्रतिभा से बने लोकल
उत्पादों के दम पर भारत आयात पर अपनी निर्भरता कम करेगा और आत्मनिर्भरता की ओर आगे
बढ़ेगा।
प्रिय स्नेहीजन,
बीते छह वर्षों की इस यात्रा में आपने निरंतर मुझ पर आशीर्वाद
बनाए रखा है, अपना प्रेम बढ़ाया है। आपके आशीर्वाद की शक्ति से ही, देश पिछले एक
साल में ऐतिहासिक निर्णयों और विकास की अभूतपूर्व गति के साथ आगे बढ़ा है। लेकिन
फिर भी मुझे पता है कि अब भी बहुत कुछ करना बाकी है। देश के सामने चुनौतियां अनेक
हैं, समस्याएं अनेक हैं। मैं दिन-रात प्रयास कर रहा हूं। मुझ में कमी हो सकती है,
लेकिन देश में कोई कमी नहीं है। और इसलिए, मेरा विश्वास स्वयं से ज्यादा आप पर है,
आपकी शक्ति, आपके सामर्थ्य पर है।
मेरे संकल्प की ऊर्जा आप ही हैं, आपका समर्थन, आपका आशीर्वाद,
आपका स्नेह ही है।
वैश्विक महामारी के कारण यह संकट की घड़ी तो है ही, लेकिन हम
देशवासियों के लिए यह संकल्प की घड़ी भी है।
हमें यह हमेशा याद रखना है कि 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान
और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती।
हम अपना वर्तमान भी खुद तय करेंगे और अपना भविष्य भी।
हम आगे बढ़ेंगे, हम प्रगति पथ पर दौड़ेंगे, हम विजयी होंगे।
हमारे यहां कहा गया है- ‘कृतम् मे दक्षिणे हस्ते, जयो मे सव्य
आहितः’॥
यानि, हमारे एक हाथ में कर्म और कर्तव्य है तो दूसरे हाथ में सफलता सुनिश्चित है।
देश की निरंतर सफलता की इसी कामना के साथ मैं आपको पुन: नमन करता हूं।
आपको और आपके परिवार को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
स्वस्थ रहिए, सुरक्षित रहिए !!!
जागृत रहिए, जागरूक रखिए !!!
आपका प्रधानसेवक,
नरेन्द्र मोदी
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